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Thursday 7 August 2014

Paath - 6

अम्बर की बातें मैं जानूँ 
 
 
मौखिक प्रश्न उत्तर :
 
प्र  १   कवि अम्बर की बातें क्यों नहीं  जानता ?
 
उ १    कवि धरती पर रहता है, इसलिए अम्बर की बातें नहीं जानता। 
 
प्र  २   कवि के साथ सब कुछ धरती पर ही क्यों हुआ है ?
 
उ  २   कवि ने अपना जीवन धरती की गोद में बिताया है , इसलिए साथ सब कुछ धरती पर ही हुआ है। 
 
प्र   ३   नभ धरती के प्राण कैसे कंपाता है ?
 
उ  ३   नभ अपने वज्र प्रहारों से धरती का प्राण कँपाता  है। 
 
प्र  ४  प्राणों को नया संगीत कैसे मिला है ?
 
उ  ४  प्रकृति की शोभा से , वनस्पतियों के हरेपन से ऋतुओं के आवागमन से प्राणों को नया संगीत मिला है। 
 
अर्थ ग्रहण सम्बन्धी प्रश्न 
 
ढह  गए महल , गड गए मुकुट, धरती अब भी मुस्काती है, है चाँद सितारे मौन  खड़े, यह धरती अब भी गाती है. धरती पर कितने चरण चले, कितनों ने रोया - गया है, धरती की नीरव भाषा को, पर कौन ? मैंने धरती के गीत सुने, अम्बर की बातें मैं क्या जानूँ ?
 
प्र   १ 'ढह गए महल' से कवि का क्या तात्पर्य है ?
 
उ  १   सम्राटों ने अपने शासनकाल में जो अजेय दुर्ग बनवाए या राज्य की सीमाएं तय की , वे नष्ट हो गयीं। 
 
प्र  २  'धरती की नीरव भाषा' में छिपे अर्थ को स्पष्ट कीजिए ?
 
उ  २  धरती से बहुतों ने बहुत कुछ पाया , पर कोई भी इसकी शक्ति को समझ नहीं पाया। 
 
प्र   ३  कवि नभ की लिपि को क्यों नहीं जान पाया ?
 
उ  ३   कवि प्रकृति की सुंदरता को परखने, निहारने, महसूस करने और उसका आनंद उठाने में खोया रहा, इसलिए वह नभ की लिपि को नहीं जान पाया। 
 

दीर्घउत्तरीय प्रश्न
 
प्र  १  'अम्बर की बातें मई क्या जानूँ' शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ?
 
उ  १  हम जिस संसार में जी रहे हैं , वह एक वास्तविकता है जबकि जिस स्वर्गलोक के बारे में हमें बताया जाता है और उसकी जिस समृद्धि का गुणगान किया जाता है वह एक कल्पना है।  कवि इस पंक्ति द्वारा कल्पना को नकारने के लिए कह रहे हैं। 
 
 
प्र  २  धरती से हमें क्या - क्या मिलता है /
 
३   २  धरती से हमें जीवन जीने के सभी साधन मिलते हैं , तो आकाश से सूर्य का प्रकाश, चन्द्रमा की शीतलता , तारों की चमक , बरसात का पानी मिलता है। 
 
 
भाव स्पष्ट कीजिये :
 
क  धरती पर पहला स्वर फूटा 
 
उ  सबसे पहले धरती पर जीवन के कदम पड़े।  जीवित प्राणी पर ही पाये जाते हैं। 
 
ख  काँटों ने कठिन परीक्षा ले , जीवन का प्रेरक गीत दिया. 
 
उ   जीवन में जब - जब काँटों अर्थात कठिनाइयों का सामना हुआ, तब  - तब मैंने संघर्ष करना सीख और आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त की। 
 
ग  लपटों शोलों से खेला हूँ , शीतल बरसातें  मैं क्या जानूँ ?
 
उ   जीवन में संघर्ष करके आगे बढ़ने का मार्ग बनाया है, सुगमता से वस्तु कैसे प्राप्त की जा सकती है, इसका ज्ञान मुझे नहीं है। 
 
जीवनमूल्यपरक प्रश्न उत्तर 
 
 
प्र  .  आकाश हमें क्या सिखाता है ?
 

उ    आकाश हमें ऊँचे  उठने की सीख देता है।  वह सूर्य का प्रकाश, चन्द्रमा की शीतलता, वर्षा का पानी हम तक पहुंचाकर अपने पास जो है, उसे दूसरों को देने की शिक्षा देता है।  वह कभी बिजली की चमक देखकर हमें परिस्थितियों के अनुरूप ढलना सिखाता है तो कभी वह पक्षियों को मुक्त गगन में उड़ने देकर हमें यह सन्देश देता है कि  आज़ादी मनुष्य को क्रियाशील बनाती है।  आज़ाद व्यक्ति अधिक ऊँचाइयाँ  छूता  है।  निर्भय वातावरण किसी की भी गति और प्रगति को बढ़ाता है   उसे मनचाहा कर पाने का अवसर देता है। 

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