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Monday 31 August 2015

Raidaas

पद की प्रत्येक पंक्ति के अंत में तुकांत शब्दों प्रयोग। ………… छांटकर लिखिए।

उ       बाती               -   राती
          मोर                -   चकोर
          धागा              -    सुहागा
          दासा            -     रैदासा
प्र  ३.   पहले पद में कुछ। …………  स्पष्ट कीजिए।

उ।     दीपक                 -              बाती
          चन्दन                 -              पानी
          घन                    -               मोर
          मोती                 -               धागा
         चाँद                  -                चकोरा

प्र  ४   दूसरे पद में कवि ने। ……। स्पष्ट कीजिए।

उ      कवि का कहना है कि  भगवान के सामान कृपालु और कोई नहीं हो सकता, जो अपने भक्तों के लिए इतना करती कर सके।  वह दिन - दुखियों और गरीबों पर दया करने वाला है।  इसीलिए कवि ने उन्हें 'गरीब - निवाजु'  कहा है।

प्र  ५  दूसरे पद की ' जाकी। ....... तुंही ढ़रै '   स्पष्ट कीजिए।

उ।    कवि का कहना है कि  भगवान के सामान कृपालु इस संसार में और कोई नहीं।  क्योंकि वह नीच (गुणों से) वक्ती को भी राजा के सामान सम्मान प्रदान करते हैं, जिससे लोग बहुत दुखी हैं , ऐसे अधमी व्यक्ति पर भी भगवान अपनी कृपा बरसाते है .

प्र  ६  रैदास ने स्वामी को किन - किन नामों से पुकारा है

उ  रैदास ने स्वामी को लाल , गरीब - निवाजु , गुसईया  आदि नामों से पुकारा है।

प्र   ७  निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए।

उ   मोरा  - मोर
     चंद    -  चाँद
     बाती  - बत्ती
     जोती   - ज्योति
     वरै    - जलना
     घरै    - रखना
     छोती  - छुआछूत
     तुहीं  - तुमही
    गुसाइआ  - स्वामी

Seetha Lakshmi R. Srinivasan. :-)


Saturday 22 August 2015

Rakshabandhan रक्षाबंधन

🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷

नहीं चाहिए मुझको हिस्सा माँ-बाबा की दौलत में
चाहे वो कुछ भी लिख जाएँ भैया मेरे ! वसीयत में

नहीं चाहिए मुनझको झुमका चूड़ी पायल और कंगन
नहीं चाहिए अपनेपन की कीमत पर बेगानापन

मुझको नश्वर चीज़ों की दिल से कोई दरकार नहीं
संबंधों की कीमत पर कोई सुविधा स्वीकार नहीं

माँ के सारे गहने-कपड़े तुम भाभी को दे देना
बाबूजी का जो कुछ है सब ख़ुशी ख़ुशी तुम ले लेना

चाहे पूरे वर्ष कोई भी चिट्ठी-पत्री मत लिखना
मेरे स्नेह-निमंत्रण का भी चाहे मोल नहीं करना

नहीं भेजना तोहफे मुझको चाहे तीज-त्योहारों पर
पर थोडा-सा हक दे देना बाबुल के गलियारों पर

रूपया पैसा कुछ ना चाहूँ..बोले मेरी राखी है
आशीर्वाद मिले मैके से मुझको इतना काफी है

तोड़े से भी ना टूटे जो ये ऐसा मन -बंधन है
इस बंधन को सारी दुनिया कहती रक्षाबंधन है

तुम भी इस कच्चे धागे का मान ज़रा-सा रख लेना
कम से कम राखी के दिन बहना का रस्ता तक लेना।

🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷

Sunday 2 August 2015

:-)))

HAPPY FRIENDSHIP DAY ALL!
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।


Have a wonderful day and best of luck with your tests! :-)))

Seetha Lakshmi! :-)