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Sunday 1 March 2015

Lesson - 16 Kundaliyaan

कुंडलियाँ 

मौखिक प्रश्न उत्तर 

१.  सहस नर किसके गाहक होते हैं और क्यों ?

उ   सहस नर गन के गाहक होते हैं क्योंकि बिना गुणवाले व्यक्ति को कोई नहीं पूछता। 

२   जग में हँसाई  क्यों होती है ?

ऊ  बिना सोचे - विचारे  किया गया कार्य अक्सर बिगड़ जाता है तथा जग में हँसाई  होती है। 

३  दौलत पाते ही लोग घमंडी क्यों हो जाते हैं?

उ  जब लोगों के पास दौलत आ जाती है तो वे स्वयं को श्रेष्ठ समझते हैं।  वे सोचते हैं कि  दौलत उनके पास सदा रहेगी। 

दीर्घउत्तरीय प्रश्न उत्तर

१.  पहले पद में कवि ने क्या सन्देश देना चाहा है ?

ऊ  पहले पद में कवि ने यह सन्देश दिया है कि  मनुष्य को दौलत पाकर अभिमान नहीं करना चाहिए।  धन जल के सामान चंचल होता है , यह कहीं टिक कर नहीं रहता।  इसलिए मानव को मीठी वाणी बोलकर, विनम्रता के साथ रहना चाहिए तथा जग में यश प्राप्त करना चाहिए।  दौलत सबके पास मेहमान की तरह केवल चार दिन ही रहती है। 

२  कवि धन से भी ज़्यादा किसको महत्वपूर्ण मानते हैं और क्यों ?

उ  कवि मीठी वाणी बोलनेवाले तथा सबके प्रति विनय का व्यवहार करनेवाले व्यक्ति की तरह बनने को कहते हैं क्योंकि इसी से व्यक्ति को संसार में यश तथा कीर्ति मिलती है जो मनुष्य के साथ सदा रहती है। इसीलिए वे धन से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण यश को मानते हैं। 

३।   ऐसा क्यों कहा गया है कि  :

क।     चंचल दिन चारिको , ठाउ  न रहत निदान ?

उ  जिस प्रकार जल चंचल होता है , उसे बांधकर नहीं रखा जा सकता है , उसी प्रकार लक्ष्मी भी चंचल होती है, वह एक स्थान पर  टिकती। 

ख    दोउ को िकरंग , काग भये सब अपावन। 

उ  कोयल तथा कौआ दोनों का रंग एक ही होता है , किन्तु कोयल का कूकना मनोहारी लगता है तथा के का काँव  - काँव  करना अपवित्र तथा अशुभ माना जाता है। 

ग  .  खान - पान - सनमान , राग - रंग मनहिं  न भावै। 

उ  जब व्यक्ति बिना सोचे - विचारे  कार्य करता है तो अकसर उसका काम बिगड़ जाता है, जिस कारण निराशा में उसे न तो खाना - पीना अच्छा लगता है और न ही राग-रंग में उसका मन रमता है।  उसके मन में अशांति रहती है। 

४  आपके अनुसार किसी भी काम को करने से पहले क्या विचार करना चाहिए ?

उ  किसी भी काम को करने से पहले अच्छी तरह से सोच विचार करके यह निश्चित कर लेना चाहिए कि  कार्य हितकारी है या नहीं।  जल्दबाज़ी में अकसर  कार्य बिगड़ जाता है और आगे चलकर मान - सम्मान की हानि हो सकती है।  अत: अपनी इज़्ज़त का और दूसरों के हित  का ध्यान रखते हुए काम करना चाहिए। 

जीवनमूलयपरक प्रश्न उत्तर 

जीवन में धन का स्थान है पर आजकल धन ही जीवन बनता जा रहा है।  आप पैसे को कितना महत्त्व देते हैं ? धन से क्या खरीदा नहीं जा सकता। 

उ  धन महत्वहीन है , यह तो घर गृहस्थी से बँधा कोई भी व्यक्ति नहीं कह सकता।  पर, कहा गया है - किसी भी चीज़ की अति बुरी होती है।  भरी ठण्ड में भी आवश्यकता से अधिक कपडे शरीर को ठण्ड से बचाने की जगह अत्यधिक गर्मी देता है। 

ख  अधिक खाना उठना - बैठना दूभर कर देता है।  अधिक पढ़ाई करने से याद किया भी भूलने लगते हैं। 

ग  अपनी और अपनों की सुद्ध - बुध खोकर अच्छे - बुरे, नैतिक - अनैतिक का विचार न करके कमाई कर भी ली तो अनैतिक उपाय ने इतना बदनाम कर दिया होगा कि  कोई सम्बन्ध नहीं रखना चाहेगा। 

घ  हाँ , इस बीच धन ज़रूर जमा हो , साथ ही यह भय भी कि  कहीं जालसाज़ी में पकडे न जाएं , कहीं जेल की हवा न खाना पड़  जाए। 

ङ   सबसे बड़ी बात, धन से न तो शान्ति खरीदी जा सकती है , न चैन, न मित्र, न अपने। 

समाप्त। …………… 

लक्ष्मी ! :-)))

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