व्याकरण :
१. विलोम -
(क) जीवन - मृत्यु
(ख) प्रलय - सृष्टि
(ग) काँटे - फूल
(घ) कठिन - सरल
२. पर्यायवाची लिखिए -
(क) फूल - सुमन, पुष्प
(ख) नभ - आकाश , आसमान
(ग) मानव - मनुष्य, मनुज
(घ) कोयल - पिक, कोकिल
३. प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए -
(क) ता - सफलता , कटुता
(ख) मय - मंगलमय , ममतामय
(ग) इक - सामूहिक , सामजिक
(घ) वान - बलवान , कांतिवान
४. समास - विग्रह कीजिये :-
क. सूखे - भूरे = सूखे और भूरे
ख. चाय - काफी = चाय और काफी
ग. पेन - पेंसिल = पेन और पेंसिल
घ. नदी - नालों = नदी और नालों
ङ शिव - पार्वती = शिव और पार्वती
च. स्कूटर - कार = स्कूटर और कार
छ. छोटे - बड़े = छोटे और बड़े
ज. मुँह - हाथ = मुँह और हाथ
पृष्ठ - ६४ (2 ) bit :
मूर्ति - सा , छोटा - सा , बिजली - सा
पृष्ठ - ६५ (4 ) bit :
मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य बनाइये :-
१. नाक में दम करना : - बहुत तंग करना (trouble a lot)
सुरेश ने अपने शरारतों से सभी पड़ोसियों के नाक में दम कर दी।
२. सिर पर आना : - ज़िम्मेदारी का एहसास होना
मेरी माँ के कोलकाता जाने से साड़ी ज़िम्मेदार दीदी के सर पर आई।
३. दाँतों तले उंगली दबाना :- आश्चर्यचकित होना (astonished)
रानी लक्ष्मीबाई की बहादुरी को देखकर अंग्रेज़ों ने दांतों तले उंगली दबा ली
४. आँखों का तारा होना - बहुत प्यारा होना (apple of one's eye)
मेरा छोटा भाई हम सबकी आँखों का तारा है।
५. अंधे की लाठी होना - एकमात्र सहारा होना (one and only means of support)
पारुल के माता - पिता, उसकी दादी के लिए अंधे की लाठी के समान हैं।
६. नौ दो ग्यारह होना - फरार होना , भाग जाना (to run away esp.after committing a mistake / crime)
डाकू, पुलिस - बल को देखहर नौ-दो-ग्यारह हो गए।
७. हो - हल्ला करना - शोर मचाना (raise a hue and cry)
कक्षा से अध्यापिका के जाते ही, बच्चे हो-हल्ला करने लगते हैं।
८. ईद का चाँद होना - कभी - कभार दिखाई देना / बहुत दिनों बाद दिखाई देना (become a rare visibility)
जब से नौकरी लगी है, तुम तो ईद के चाँद हो गए हो।
१. विलोम -
(क) जीवन - मृत्यु
(ख) प्रलय - सृष्टि
(ग) काँटे - फूल
(घ) कठिन - सरल
२. पर्यायवाची लिखिए -
(क) फूल - सुमन, पुष्प
(ख) नभ - आकाश , आसमान
(ग) मानव - मनुष्य, मनुज
(घ) कोयल - पिक, कोकिल
३. प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए -
(क) ता - सफलता , कटुता
(ख) मय - मंगलमय , ममतामय
(ग) इक - सामूहिक , सामजिक
(घ) वान - बलवान , कांतिवान
४. समास - विग्रह कीजिये :-
क. सूखे - भूरे = सूखे और भूरे
ख. चाय - काफी = चाय और काफी
ग. पेन - पेंसिल = पेन और पेंसिल
घ. नदी - नालों = नदी और नालों
ङ शिव - पार्वती = शिव और पार्वती
च. स्कूटर - कार = स्कूटर और कार
छ. छोटे - बड़े = छोटे और बड़े
ज. मुँह - हाथ = मुँह और हाथ
पृष्ठ - ६४ (2 ) bit :
मूर्ति - सा , छोटा - सा , बिजली - सा
पृष्ठ - ६५ (4 ) bit :
मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य बनाइये :-
१. नाक में दम करना : - बहुत तंग करना (trouble a lot)
सुरेश ने अपने शरारतों से सभी पड़ोसियों के नाक में दम कर दी।
२. सिर पर आना : - ज़िम्मेदारी का एहसास होना
मेरी माँ के कोलकाता जाने से साड़ी ज़िम्मेदार दीदी के सर पर आई।
३. दाँतों तले उंगली दबाना :- आश्चर्यचकित होना (astonished)
रानी लक्ष्मीबाई की बहादुरी को देखकर अंग्रेज़ों ने दांतों तले उंगली दबा ली
४. आँखों का तारा होना - बहुत प्यारा होना (apple of one's eye)
मेरा छोटा भाई हम सबकी आँखों का तारा है।
५. अंधे की लाठी होना - एकमात्र सहारा होना (one and only means of support)
पारुल के माता - पिता, उसकी दादी के लिए अंधे की लाठी के समान हैं।
६. नौ दो ग्यारह होना - फरार होना , भाग जाना (to run away esp.after committing a mistake / crime)
डाकू, पुलिस - बल को देखहर नौ-दो-ग्यारह हो गए।
७. हो - हल्ला करना - शोर मचाना (raise a hue and cry)
कक्षा से अध्यापिका के जाते ही, बच्चे हो-हल्ला करने लगते हैं।
८. ईद का चाँद होना - कभी - कभार दिखाई देना / बहुत दिनों बाद दिखाई देना (become a rare visibility)
जब से नौकरी लगी है, तुम तो ईद के चाँद हो गए हो।
पद - परिचय
क मेरे मित्र का जन्म - स्थान अल्मोड़ा है।
सर्वनाम , एकवचन पुल्लिंग
ख ठंडी , चिकनी , चमकती बर्फ से भाप उड़ रही थी।
गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन।
ग धीरे - धीरे मेरी निगाह ने इस घाटी को पार किया।
घ शुक्ल जी, सेन और अन्य सभी ने देखा।
व्यक्तिवाचक संज्ञा , पुल्लिंग, एकवचन , कर्ता।
ङ सोमेश्वर की घाटी के उत्तर में ऊँची पर्वतमाला है।
सम्बन्धबोधक , अव्यय।
पद परिचय में कुछ गलतियाँ हो सकती हैं, जिसे में सही करने की कोशिश करुँगी। काफी साल बीत चुके हैं , हिंदी से मानो जैसे रिश्ते की डोर बहुत पतली हो चुकी हैं।
सबकी दोस्त ,
लक्ष्मी :-)))
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