का के की। बहुत गड़बड़ है बच्चों।
राम पुल्लिंग है। इसलिए उसके साथ जुडी हर चीज़ पर का नहीं लगेगी. वह इस बात पर निर्भर है कि आगे कौनसा शब्द आनेवाला है। जैसे
राम का जूता।
जूता पुल्लिंग है इसलिए उससे पहले का आएगा।
राम की मामी , थैली, गाडी आदि।
मामी, थैली, गाडी आदि स्त्रीलिंग है इसलिए की आएगी।
राम के मौजे, दादाजी, पापा, मित्र।
अब ये थोड़ा मुश्किल है पर धीरे धीरे समझ आ जायेगा ।
मौज़े बहुवचन है, जब कोई चीज़ बहुवचन हो तो उससे पहले के आएगा और जिनका हम आदर करते हैं उनके नाम या सर्वनाम से पहले के का उपयोग होगा।
विलोम शब्द और पर्याय वाची शब्द या तो रट्टा लगा लो या फिर समझो, जैसे
फूल का पर्याय है सुमन, पुष्प, कुसुम इत्यादि। अब आप जब भी किसी फूल को देखो तो औने दिमाग में फूल के बदले उसका पर्याय याद करो. वैसे भी हम भारतीयों के भाषाओं में संस्कृत की बहुत देन है , इसलिए कुछ पर्याय आपके भाषा से जुड़े होंगे।
विलोम आसान है, उसके साथ प्रत्यय या उपसर्ग जोड़ने से बात बन जायेगी।
अब प्रश्न एवं उत्तर आप रट्टा लगा सकते हैं या उसे पहले अपनी भाषा में समझकर फिर अपने शब्दों में लिखने का प्रयत्न कर सकते हैं।
आप सबकी दोस्त ,
:-)
राम पुल्लिंग है। इसलिए उसके साथ जुडी हर चीज़ पर का नहीं लगेगी. वह इस बात पर निर्भर है कि आगे कौनसा शब्द आनेवाला है। जैसे
राम का जूता।
जूता पुल्लिंग है इसलिए उससे पहले का आएगा।
राम की मामी , थैली, गाडी आदि।
मामी, थैली, गाडी आदि स्त्रीलिंग है इसलिए की आएगी।
राम के मौजे, दादाजी, पापा, मित्र।
अब ये थोड़ा मुश्किल है पर धीरे धीरे समझ आ जायेगा ।
मौज़े बहुवचन है, जब कोई चीज़ बहुवचन हो तो उससे पहले के आएगा और जिनका हम आदर करते हैं उनके नाम या सर्वनाम से पहले के का उपयोग होगा।
विलोम शब्द और पर्याय वाची शब्द या तो रट्टा लगा लो या फिर समझो, जैसे
फूल का पर्याय है सुमन, पुष्प, कुसुम इत्यादि। अब आप जब भी किसी फूल को देखो तो औने दिमाग में फूल के बदले उसका पर्याय याद करो. वैसे भी हम भारतीयों के भाषाओं में संस्कृत की बहुत देन है , इसलिए कुछ पर्याय आपके भाषा से जुड़े होंगे।
विलोम आसान है, उसके साथ प्रत्यय या उपसर्ग जोड़ने से बात बन जायेगी।
अब प्रश्न एवं उत्तर आप रट्टा लगा सकते हैं या उसे पहले अपनी भाषा में समझकर फिर अपने शब्दों में लिखने का प्रयत्न कर सकते हैं।
आप सबकी दोस्त ,
:-)
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