पाठ - १२
प्र १ सारनाथ भारत के किस राज्य में है ?
उ. सारनाथ भारत के उत्तर प्रदेश में स्तिथ है।
प्र . सारनाथ की दो विशेषतायें बताइए।
उ गौतम बुद्ध ने अपना धर्म चक्र प्रवर्तन यहीं पर किया था। .
यहाँ अशोक द्वारा निर्मित सिंह शीर्षवाला स्तम्भ, अनेक स्तूप तथा विहार है।
प्र। गौतम बुद्ध का सारनाथ से क्या सम्बन्ध था ?
उ गौतम बुद्ध का सारनाथ से घनिष्ठ सम्बन्ध ठाट क्यूंकि उन्होंने अपना धर्म चक्र प्रवर्तन यहीं किया था।
अशोक स्तम्भ के विषय में अलग - अलग क्या मत थे ?
अशोक स्तम्भ के ऊपरी भाग को किसी विद्वान ने उलटा कमल का फूल कहा है , तो किसी ने फारस का घंटा कहा है। इतिहासकारों ने इसे कला का उत्तम नमूना कहा है।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न - उत्तर
१ बौद्ध धर्म की यह एक महान घटना - किस घटना की बात की जा रही है ?
करने के उद्देश्य से गौतम बुद्ध ने घर छोड़ दिया। शिष्य बने किन्तु उनके ज्ञान प्राप्ति के मार्ग को गलत समझकर उन्हें बोधगया में अकेले छोड़कर भाग गए। फिर तपस्या के बाद जब बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति हुई तो उन्होंने उन्ही पांच शिष्यों को सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया। यही बौद्ध धर्म की एक महान घटना थी।
२। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का अनुयायी बनने के बाद क्या किया ?
जब मौर्य सम्राट अशोक बौद्ध धर्म का अनुयायी बना तो सारनाथ, साँची, दिल्ली, कौशाम्बी, लुंबनी, वैशाली, लोरियानंदनगढ़ आदि स्थानों पर स्तम्भ बनवाए। इनमे से सबसे प्रमुख अशोक स्तम्भ है।
अशोक स्तम्भ की विशेषतायें विस्तार ममे लिखिए ?
इस स्तम्भ का शीर्ष भाग चार सिंहों से युक्त है। सिंहों के मुंह से विपरीत दिशा में हैं, किन्तु पीठ आपस में ऐसे सटी हैं मानो एक ही हों।
बीच में एक चक्र है जो धर्म चक्र का सूचक है।
सिंहों की मूंछें, नेत्र, आयल और खुले हुए मुख अस्वाभाविक होते हुए भी प्रभावशाली है।
चक्र के पास अश्व, मृग, सांड और हाथियों की मूर्तियां यहां खड़ी हैं।
३. सिंह प्रतिमा की प्रशंसा करते हुए इतिहासकारों ने क्या कहा ?
इतिहासकारों ने सारनाथ की इस प्रतिमा को भूरि - भूरि प्रशंसा की है। इनमे उच्च भावनाओं की झलक मिलती है। इस स्तम्भ की विशेषता है कि यह एक ही पत्थर से बन्नी है और इसे अत्यंत पॉलिश की गई है। यह पॉलिश बाद की मूर्तिकला से हमेशा के लिए लुप्त हो गई है।
४. सारनाथ में मिली दो मूर्तियां की विशेषतायें बताइए।
सारनाथ में मिली दो मूर्तियां है। पहले वाली कनिष्क के काल की एक विशाल बोधिसत्व प्रतिमा है और दूसरी गुप्तकाल की एक सुन्दर धर्म चक्र प्रवर्तन की मुद्रा में भगवान बुद्ध की मूर्ति है। यह बुद्ध की मूर्ति न केवल हमें न केवल बाहर से आकर्षित करती है बल्कि अपनी भीतरी सुंदरता से भी हमें आकर्षित करती है।
५ अशोक स्तम्भ के कौन से चिह्न किन अलग - अलग रूप में उपयोग में लाए जाते हैं।
अ अशोक स्तम्भ के ऊपर बने चार शेर सरकार द्वारा जारी मुद्रित मुद्रा (सिक्कों तथा नोट) पर अंकित हैं।
आ अशोक स्तम्भ के सिंहों के बीच बना चक्र तिरंगे झंडे के मध्य में स्तिथ है।
ई अशोक स्तम्भ के ऊपर बने चार शेर सरकार प्रपत्रों पर अंकित होते हैं।
ई इस स्तम्भ के ऊपर बने चार शेर सरकारी मुहर में अंकित होते हैं।
उ सरकारी डाक - टिकट पर भी इस स्तम्भ के ऊपर बने चार शेर अंकित होतें हैं।
उ अशोक स्तम्भ का चक्र तीनों सेनाओं के सैनिकों की वर्दी पर भी अंकित हैं।
जीवन मूल्य परक प्रश्न
आप अशोक होते तो प्रजा के लिए क्या कुछ करते ? लिखिए स्मृति बनाए रखने के लिए आप क्या - क्या करते ?
मैं अशोक होता तो आरम्भ से ही अहिंसा धर्म का पालन करता। सम्राट का पद पाने के लिए युद्धों में वीरों का खून न बहाता। तब उन युद्धों के खर्च के लिए प्रजा को अतिरिक्त करों का भार धोने पर मजबूर नहीं होना पड़ता। नै पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए स्मारकों के स्थान पर पाठशालाएं बनवाता। शिलालेखों के स्थान पर विद्या से सम्बंधित कुछ खुदवाता।
सबकी दोस्त ,
लक्ष्मी :-)))
प्र १ सारनाथ भारत के किस राज्य में है ?
उ. सारनाथ भारत के उत्तर प्रदेश में स्तिथ है।
प्र . सारनाथ की दो विशेषतायें बताइए।
उ गौतम बुद्ध ने अपना धर्म चक्र प्रवर्तन यहीं पर किया था। .
यहाँ अशोक द्वारा निर्मित सिंह शीर्षवाला स्तम्भ, अनेक स्तूप तथा विहार है।
प्र। गौतम बुद्ध का सारनाथ से क्या सम्बन्ध था ?
उ गौतम बुद्ध का सारनाथ से घनिष्ठ सम्बन्ध ठाट क्यूंकि उन्होंने अपना धर्म चक्र प्रवर्तन यहीं किया था।
अशोक स्तम्भ के विषय में अलग - अलग क्या मत थे ?
अशोक स्तम्भ के ऊपरी भाग को किसी विद्वान ने उलटा कमल का फूल कहा है , तो किसी ने फारस का घंटा कहा है। इतिहासकारों ने इसे कला का उत्तम नमूना कहा है।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न - उत्तर
१ बौद्ध धर्म की यह एक महान घटना - किस घटना की बात की जा रही है ?
करने के उद्देश्य से गौतम बुद्ध ने घर छोड़ दिया। शिष्य बने किन्तु उनके ज्ञान प्राप्ति के मार्ग को गलत समझकर उन्हें बोधगया में अकेले छोड़कर भाग गए। फिर तपस्या के बाद जब बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति हुई तो उन्होंने उन्ही पांच शिष्यों को सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया। यही बौद्ध धर्म की एक महान घटना थी।
२। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का अनुयायी बनने के बाद क्या किया ?
जब मौर्य सम्राट अशोक बौद्ध धर्म का अनुयायी बना तो सारनाथ, साँची, दिल्ली, कौशाम्बी, लुंबनी, वैशाली, लोरियानंदनगढ़ आदि स्थानों पर स्तम्भ बनवाए। इनमे से सबसे प्रमुख अशोक स्तम्भ है।
अशोक स्तम्भ की विशेषतायें विस्तार ममे लिखिए ?
इस स्तम्भ का शीर्ष भाग चार सिंहों से युक्त है। सिंहों के मुंह से विपरीत दिशा में हैं, किन्तु पीठ आपस में ऐसे सटी हैं मानो एक ही हों।
बीच में एक चक्र है जो धर्म चक्र का सूचक है।
सिंहों की मूंछें, नेत्र, आयल और खुले हुए मुख अस्वाभाविक होते हुए भी प्रभावशाली है।
चक्र के पास अश्व, मृग, सांड और हाथियों की मूर्तियां यहां खड़ी हैं।
३. सिंह प्रतिमा की प्रशंसा करते हुए इतिहासकारों ने क्या कहा ?
इतिहासकारों ने सारनाथ की इस प्रतिमा को भूरि - भूरि प्रशंसा की है। इनमे उच्च भावनाओं की झलक मिलती है। इस स्तम्भ की विशेषता है कि यह एक ही पत्थर से बन्नी है और इसे अत्यंत पॉलिश की गई है। यह पॉलिश बाद की मूर्तिकला से हमेशा के लिए लुप्त हो गई है।
४. सारनाथ में मिली दो मूर्तियां की विशेषतायें बताइए।
सारनाथ में मिली दो मूर्तियां है। पहले वाली कनिष्क के काल की एक विशाल बोधिसत्व प्रतिमा है और दूसरी गुप्तकाल की एक सुन्दर धर्म चक्र प्रवर्तन की मुद्रा में भगवान बुद्ध की मूर्ति है। यह बुद्ध की मूर्ति न केवल हमें न केवल बाहर से आकर्षित करती है बल्कि अपनी भीतरी सुंदरता से भी हमें आकर्षित करती है।
५ अशोक स्तम्भ के कौन से चिह्न किन अलग - अलग रूप में उपयोग में लाए जाते हैं।
अ अशोक स्तम्भ के ऊपर बने चार शेर सरकार द्वारा जारी मुद्रित मुद्रा (सिक्कों तथा नोट) पर अंकित हैं।
आ अशोक स्तम्भ के सिंहों के बीच बना चक्र तिरंगे झंडे के मध्य में स्तिथ है।
ई अशोक स्तम्भ के ऊपर बने चार शेर सरकार प्रपत्रों पर अंकित होते हैं।
ई इस स्तम्भ के ऊपर बने चार शेर सरकारी मुहर में अंकित होते हैं।
उ सरकारी डाक - टिकट पर भी इस स्तम्भ के ऊपर बने चार शेर अंकित होतें हैं।
उ अशोक स्तम्भ का चक्र तीनों सेनाओं के सैनिकों की वर्दी पर भी अंकित हैं।
जीवन मूल्य परक प्रश्न
आप अशोक होते तो प्रजा के लिए क्या कुछ करते ? लिखिए स्मृति बनाए रखने के लिए आप क्या - क्या करते ?
मैं अशोक होता तो आरम्भ से ही अहिंसा धर्म का पालन करता। सम्राट का पद पाने के लिए युद्धों में वीरों का खून न बहाता। तब उन युद्धों के खर्च के लिए प्रजा को अतिरिक्त करों का भार धोने पर मजबूर नहीं होना पड़ता। नै पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए स्मारकों के स्थान पर पाठशालाएं बनवाता। शिलालेखों के स्थान पर विद्या से सम्बंधित कुछ खुदवाता।
सबकी दोस्त ,
लक्ष्मी :-)))